राजा नरपत सिंह स्मारक,माधोगंज हरदोई
दिशाश्रेणी ऐतिहासिक
माधौगंज कस्बे से उत्तर दिशा में करीब दो किलोमीटर के फासले पर एक छोटा से गांव है रूइया गढ़ी। देश के दूसरे तमाम सामान्य गांवों की तरह यहां भी बदहाली मुंह बाये खड़ी है, लेकिन आजादी की लड़ाई में रूइया गढ़ी का नाम सुनकर गोरी हुकूमत कांपती थी। उस दौर में रूइया गढ़ी एक रियासत हुआ करती थी। राजा थे नरपत सिंह। अवध के ज्यादातर इलाकों में काबिज होने के बाद अंग्रेज फौज हरदोई में भी कब्जा करने की फिराक में थी, लेकिन नरपत सिंह की अदम्य बहादुरी और रणनीति के कारण अंग्रेजों को चार मर्तबा करारी हार का सामना करना पड़ा। पांचवे युद्ध में अंग्रेजों ने बड़ी संख्या में सैनिकों और तोप के साथ हमला बोला। इस जंग में भी नरपति सिंह और रूइया गढ़ी के सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। अंग्रेजों के पैर उखडऩे लगे थे, इसी दौरान अचानक राजा शहीद हो गए।